Ashutosh sharma ipl 2025 (आशुतोष शर्मा आईपीएल 2025) :
इन्दौर: आइपीएल क्रिकेट जगत को नए सितारों से जोड़ता है। आशुतोष शर्मा ऐसा ही एक नवोदित सितारा है।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम अपने पहले ही मैच में 65 रनों पर पांच विकेट गंवाकर संभावित हार की ओर बढ़ रही थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि एक युवा बल्लेबाज ऐसा कर सकता है जो कुछ भी बदल सकता है।
31 गेंदों पर 66 रनों की नाबाद पारी के बाद आशुतोष अब क्रिकेट जगत का भविष्य देख रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें अपने ही राज्य की मध्य प्रदेश टीम में नहीं देखा गया था।
यह बल्लेबाज निराश होकर क्रिकेट छोड़ने वाला था। लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा पर भरोसा किया और अपनी काबिलियत से अपनी किस्मत बदल दी।
ताबड़तोड़ पारी की बात करते हुए आशुतोष ने कहा कि उनका यही प्रयास था कि जितनी देर हो सके विकेट पर रहूँ। मैं आश्वस्त था कि टीम को मैच जीता दूंगा अगर मैं अंत तक टिका रहा।
अभ्यास में मुझे बहुत पसीना आया है। वह भी पिछले साल आईपीएल खेला था, इसलिए अनुभव था मैंने नए शाट्स नहीं बनाए थे; बस आने वाले को ही इस्तेमाल करना था। टीम ने भी कहा कि मैं अपना प्राकृतिक खेल खेलूँ। मेरे मेटर शिखर धवन ने मुझे बहुत मदद की,
मेरा आत्मविश्वास हमेशा उनके पास था। हम अब भी उनसे बात करते हैं और वे मुझे लगातार बतौर क्रिकेटर बेहतर बनने के लिए सलाह देते हैं। आशुतोष, जो सफलता की ओर बढ़ रहे हैं, मध्य प्रदेश टीम के साथ हुए खराब समय को याद नहीं करना चाहते। वे कहते हैं कि मैं अपने पुराने अनुभवों से सीख लेता हूँ, लेकिन बुरा नहीं लेता। मैं आगे बढ़ सकता हूँ।
अब वे पुरानी बातों पर नहीं बोलते, लेकिन पिछले साल उन्होंने बताया कि पेशेवर कोच ने उन्हें 45 गेंदों पर 90 रनों की पारी खेलने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में उन्होंने छह मैचों में तीन अर्धशतक लगाए। मैदान में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी
खिलाड़ी के रूप में यह समय हताशापूर्ण था। तब मेरे कोच अमय खुरासिया ने मुझे आत्मविश्वास दिया कि मैं काबिल हूँ। आशुतोष ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रांची में सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में 12 गेंदों पर अर्धशतक लगाकर युवराज सिंह का सबसे तेज अर्धशतक का रिकार्ड तोड़ा। उन्हीं के प्रदर्शन ने मध्य प्रदेश को अंडर-16 राष्ट्रीय स्पर्धा में विजयी बनाया था।
आशुतोष कोच अमय खुरासिया अपने शिष्य की सफलता से खुश हैं। उसने बताया कि आशुतोष एक ओपनर बल्लेबाज हैं जो नैसर्गिक रूप से सक्षम हैं। यदि उनकी टीम उन्हें ओपनर के रूप में मौका देती है, तो वे टीम के लिए और भी अधिक फायदेमंद साबित होंगे।