क्या भारत चाहता है अमेरिका के साथ व्यापार : ( will india do business with america) :
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लैटिन अमेरिकी देशों के साथ कारोबार बढ़ाने को लेकर सरकार पहले से भी कोशिश करती रही है लेकिन इस बार सरकार की तैयारी में काफी सादगी दिख रही है चीन के विस्तारवादी मंसूरी से सशक्ति लैटिन अमेरिका देश का आकर्षण भी भारत की तरफ ज्यादा गंभीर दिख रहा है
ब्राजील अर्जेंटीना जैसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ही नहीं बल्कि पेरू बॉल्जिबिया सेंड की टच जैसे कम विकसित हुआ छोटा देश भी भारत के साथ कूटनीति वह पक्षी है कारोबार बढ़ाने की मनसा जाता चुके हैं पेरू के साथ जल्द ही मुक्त व्यापार समझौता शुरू होने जा रही है ऐसे में भारत सरकार ने अगले तीन वर्षों में इन देशों के साथ अपने द्विपक्षीय कारोबार के लक्ष्य को मौजूदा 50 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर कर दिया है
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वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री राज्य मंत्री पवित्रता मार्ग टीवी का मानना है कि देश के साथ हिंदू बच्चे कारोबार की संभावना है सौरभ डॉलर से भी काफी ज्यादा है पिछले हफ्ते की की तरफ से भारत और लैटिन अमेरिका वह कैरेबियाई देश के बीच आयोजित कारोबारी सम्मेलन में गोयल ने कहा है कि भारत तेल एक क्षेत्र के देशों के साथ जल्द से जल्द कारोबारी समझौता करना चाहता हैइन देशों के साथ न सिर्फ कारोबार व प्रौद्योगिकी क्षेत्र बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी संभावनाओं को मजबूत किया जाएगा
देश-विदेश राज्य मंत्री मर गए हैं रीता ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमें वर्ष 2027 28 तक इन देशों के साथ द्विपक्षीय कारवार स्वरूप डॉलर करने का लक्ष्य दिया है जिस तरह से जिस तरह से हर देश में राष्ट्रवादी नीतियां बनाई जा रही है और बाजार में अस्थिरता है उसे देखते हुए इस लक्ष्य के लिए काफी कोशिश करनी होगी दक्षिण अमेरिका के पास प्राकृतिक संसाधन है और भारत के पास बड़ा बाजार है
अच्छी बात यह है कि निजी क्षेत्र की कंपनियां भी भारत सरकार के साथ है पिछले कुछ वर्षों में कंपनियों ने लैटिन अमेरिका की देश में कुल 15 अरब डॉलर का निवेश किया है सिर्फ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारतीय कंपनियों ने कंपनियों ने 4000 स्थानीय नौकरियां दिए है