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rajasthan class 10 topper

राजस्थान की जुड़वां बहनों ने क्लास 10 में बनाया कीर्तिमान, दोनों को मिले 97.17% अंक-

शिक्षा के क्षेत्र में एक अद्भुत उपलब्धि हासिल करते हुए राजस्थान की जुड़वां बहनों काव्या और तनिषा शर्मा ने सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में समान 97.17% अंक प्राप्त किए हैं। उनकी यह असाधारण सफलता न केवल उनके परिवार और स्कूल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश के छात्रों के लिए प्रेरणा भी बन गई है।

इस लेख में हम उनकी शैक्षणिक यात्रा, पढ़ाई की रणनीतियों, भविष्य की योजनाओं और सफलता के रहस्यों के बारे में जानेंगे, साथ ही कुछ महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQ) भी शामिल किए गए हैं।

1. काव्या और तनिषा शर्मा कौन हैं?

  • गृहनगर: जयपुर, राजस्थान

  • स्कूल: सेंट मैरी कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल

  • परिवार: पिता (व्यवसायी), माता (गृहणी)

  • शौक: पढ़ना, नृत्य करना, पहेलियाँ हल करना

यह जुड़वां बहनें हमेशा से अकादमिक रूप से उत्कृष्ट रही हैं और इनमें गहरा स्नेह भी है। दोनों ने अपनी सफलता का श्रेय एक-दूसरे के सहयोग, माता-पिता के मार्गदर्शन और शिक्षकों के समर्पण को दिया है।

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2. समान अंक प्राप्त करने का रहस्य

(क) एक जैसी पढ़ाई की आदतें

  • नियमित अध्ययन: दोनों रोज 5-6 घंटे पढ़ाई करती थीं।

  • साथ में पढ़ना: वे अक्सर एक साथ बैठकर पढ़ती थीं और कठिन विषयों पर चर्चा करती थीं।

  • समय सारणी का पालन: उन्होंने हर विषय के लिए निश्चित समय निर्धारित किया था।

(ख) प्रभावी रणनीतियाँ

  • NCERT की किताबों पर ध्यान: उन्होंने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए मुख्य रूप से NCERT की पुस्तकों का अध्ययन किया।

  • नोट्स बनाना: महत्वपूर्ण बिंदुओं को लिखकर याद करना उनकी आदत थी।

  • मॉडल पेपर्स का अभ्यास: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करके उन्होंने अपनी तैयारी को मजबूत किया।

(ग) स्वस्थ दिनचर्या

  • पूरी नींद लेना: वे रोज 7-8 घंटे सोती थीं ताकि तरोताजा रह सकें।

  • योग और ध्यान: तनाव मुक्त रहने के लिए वे नियमित रूप से योग करती थीं।

  • संतुलित आहार: उनकी माँ ने उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखा।

3. भविष्य की योजनाएँ

काव्या और तनिषा दोनों विज्ञान (Science) क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य IIT या AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश लेकर इंजीनियर या डॉक्टर बनने का है।

4. प्रेरणादायक संदेश

इन जुड़वां बहनों का मानना है कि लगन और अनुशासन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। वे अन्य छात्रों को सलाह देती हैं:

  • “कभी हार न मानें, छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ें।”

  • “तुलना करने के बजाय अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें।”

5. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. क्या दोनों बहनों ने कोचिंग ली थी?

उत्तर: नहीं, उन्होंने केवल स्कूल की पढ़ाई और स्वयं के नोट्स पर निर्भर रहकर तैयारी की।

Q2. उनका पसंदीदा विषय कौन सा है?

उत्तर: काव्या को गणित और तनिषा को विज्ञान पसंद है।

Q3. परीक्षा के दौरान तनाव कैसे मैनेज किया?

उत्तर: वे ध्यान और समय प्रबंधन की मदद से तनाव को कम करती थीं।

Q4. क्या वे सोशल मीडिया का उपयोग करती हैं?

उत्तर: वे पढ़ाई के समय मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहती थीं।

Q5. उनकी सफलता में माता-पिता की क्या भूमिका थी?

उत्तर: उनके माता-पिता ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और पढ़ाई के लिए शांत वातावरण दिया।

काव्या और तनिषा की यह सफलता साबित करती है कि मेहनत, अनुशासन और सही रणनीति से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी कहानी न केवल छात्रों बल्कि अभिभावकों के लिए भी प्रेरणादायक है।

“सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखें, बल्कि वो जो आपको सोने न दें।” – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

क्या आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी? हमें कमेंट्स में बताएं! 📚✨

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